Afghanistan की सीमा लगी है जिन देशों के बॉर्डर Afghanistan से जुड़े हैं और परेशान क्यों हैं क्या Afghanistan की सीमा कई देशों के लिए मुसीबत का सबब बन गई है क्या ये मुश्किल इतनी बड़ी है कि कुछ देश बाढ़ तक बनाकर अपने देश की सीमा को सुरक्षित करने की कोशिश में लगे हैंआखिर Afghanistan की सीमा पर ऐसा क्या हो रहा है जैसे यह देश परेशान हैं
सबसे पहले तो ये जान लेते हैं कि वो कौन से देश Afghanistan से लगती है ये देश है ईरान पाकिस्तान तुर्कमानिस्तान और ताजिकिस्तान इनकी मुश्किल क्या हैएक सबसे बड़ी मुश्किल है चरमपंथी समूह और उनकी वजह से बढ़ती अस्थिरता यही नहीं Afghanistan से सीमा पार कर आते की बढ़ती तादाद और ड्रग तस्करी बी Afghanistan के सत्ता में जब से तालिबान आया तब से पाकिस्तान की मुश्किलें बढ़ गई हैपाकिस्तान पर इलज़ाम लगते रहे हैं कि वह पहले से ही Afghanistan में तालिबान की मदद करता रहा है 26 साल पहले तालिबान सत्ता में था तब पाकिस्तान उन कुछ देशों में एक था जिसने तालिबान को मान्यता दी थी पाकिस्तान को उम्मीद थी कि तालिबान अलकायदा और स्थानीय इस्लामिक स्टेट पर कार्रवाई करेगा लेकिन दादी के तालिबान पाकिस्तान सीमा पार Afghanistan में मौजूद अपने ठिकानों से पाकिस्तान पर हमले करता है और खासतौर से जब से तालिबान सत्ता में वापस आये तब से इस तरह के चरमपंथी हमले बढ़े हैं पाकिस्तान का दावा है कि टीटीपी के लगभग 6000Afghanistan में छिपे पाकिस्तान और Afghanistan के बीच करीब 2640 किलोमीटर लंबा बॉर्डर है जिसपर पाकिस्तान ने बाड़ लगाने का काम लगभग पूरा कर लिया है पाकिस्तान की दूसरी मुश्किल है शरणार्थियों की बढ़ती तादाद पाकिस्तान में पहले से ही लगभग 30,00,000डॉन शरणार्थी मौजूद हैं इस वजह से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर बोझ पड़ा है Afghanistan पर तालिबान के दोबारा काबिज होने के बाद फिर भारी तादाद में थीं
पाकिस्तान आ गए हैं इस वजह से कुछ दिनों पहले पाकिस्तान को साल 2023 में लगभग 11,00,000 शरणार्थियों को वापस भेजने का फैसला करना पड़ाअब तक पाकिस्तान लगभग 5,40,000 अफगान प्रवासियों को वापस भेज चुका है और बाकी बच्चे लोगों को साल 2024 तक पूरी तरह से निर्वासित कर देने की तैयारी है वहीं Afghanistan के साथ लगभग 921 किलोमीटर लंबी सीमा पर बाड़ लगा रहा हैईरान की मुश्किल ये है की वहाँ इस्लामिक स्टेट जैसे जिहादी समूहों का खतरा बढ़ रहा है आईएस ने 3 जनवरी को शहर में हुए दो बड़े बम धमाकों के जिम्मेदारहम लोग करीब पचानवे लोगों की मौत हुई थी इसके अलावा Afghanistan में पैदा हुई ड्रग की तस्करी के लिए भी ईरान एक महत्वपूर्ण रास्ता बन जातादरअसल ये वो रास्ता है जिससे होकर यूरोप के कई देशों में ड्रग्स पहुंचाई जा सकती है इसके अलावा ईरान में भी Afghanistan से आने वाले शरणार्थियों की तादाद बढ़ती जा रही है ईरान के मुताबिक वहाँ लगभग 50,00,000 लोगों ने शरण ले रखी हैईरान के राष्ट्रीय प्रवासन प्राधिकरण के प्रमुख अब्दुल्ला मोबिनी के मुताबिक 11 महीनों में करीब 10,00,000 प्रवासियों को निर्वासित किया गया पैसे तो ईरान और तालिबान के बीच संबंध है लेकिन संदेह भी कह रहे हैं क्योंकि दोनों देशों में मतभेद हैंउनमें शिया मौलवियों का शासन है Afghanistan में सत्ता पर काबिज तालिबान सुन्नी विचारधारा है और यही वजह है कि दोनों देशों के बीच संदेह कह रहे हैं वहीं में आरोप लगाया है कि Afghanistan से ताजिकिस्तान में अंसारुल्लाह जैसे चरमपंथी संगठन के लोग घुसपैठ कर रहे हैंअंसार उल्ला को अल कायदा का सहयोगी संगठन माना जाता है माना जाता है कि उत्तरी Afghanistan में इस संगठन की सैकड़ों लड़ाके मौजूद तो जी किसान ने शंघाई सहयोग संगठन से मांग की कि Afghanistan के चारों ओर एक सुरक्षा बेल्ट बनाने में उसे सहयोग दिया जायेईरान के साथ तुर्की की भी साझा से मात लगभग 170 किलोमीटर लंबी है अभी सीमा पर एक सुरक्षा दीवार बनाने का काम आंशिक तौर पर पूरा कर लिया गया है की ये दीवार इसके लिए बना रहा है ताकि अफगान प्रवासियों को रोका जा सके तुर्की में भी करीब 3,00,000प्रवासी रहते Afghanistan पर तालिबान के कब्जे के बाद से हजारों अफगान ईरान के रास्ते तुर्की में दाखिल हो गए तुर्की ने इनमें से करीब 57,000 प्रवासियों को निर्वासित कर दिया था दरअसल जब से Afghanistan से पश्चिमी देशों की सेना वापस हुई है और तालिबान सत्ता में आया हैसबसे तनाव बढ़ा है संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों ने अभी हाल में 23 रिपोर्ट जारी की थी इसमें Afghanistan के तालिबान शासकों और अलकायदा के बीच घनिष्ठ संबंधों के बारे में बताया गया है साथ ही कई देशों को Afghanistan में चरमपंथी समूहों के विस्तार को लेकरआगाह भी किया गया है इसके साथ ही तालिबान की पाकिस्तान तुर्कमेनिस्तान और ईरान के साथ सीमा पर झड़पें भी लगातार होगी और इसका असर इन देशों और Afghanistan के साथ रिश्तों पर पड़ रहा है