ये मकान आम रिहाइशी इमारतों की तरह बेशक देखते हैं लेकिन असल में एक आधुनिक और इकोलॉजिकल ली प्लान सिटी के भव्य डिजाइन का हिस्सा है 70 साल पुराना Chandigarh शहर भारत की आजादी के कुछ ही वर्षों बाद बनना शुरू हुआ था आज ये दो राज्यों पंजाब और हरियाणा की राजधानी है
स्पेस फ़्रेंच आर्किटेक्ट ली कार्बूजिए ने शहर को डिजाइन किया था उनके डिजाइन में अलग अलग सेक्टर बनाए गए थे आराम और घूमने फिरने की सेक्टर या खाने पीने की सेक्टर और रिहाइशी सेक्टर्स ये सेक्टर अपने आप में छोटे शहर जैसे हैं अपने बुनियादी ढांचे पर उन्हें गर्व हैमनमोहन सरीन बचपन में यहाँ आ गए थे Chandigarh में पहले आने वालों में उनका परिवार भी था वो बिल्कुल शुरुआत से इसके विकास के गवाह रहे हैं
एस्कॉर्टस के शिकार बोलके का कहना था कि उन्होंने मानव शरीर की तरह शहर को डिजाइन किया राजधानी कॉम्प्लेक्स मस्तिष्क की तरह यूनिवर्सिटी और औद्योगिक क्षेत्र हाथ पांव और हरित क्षेत्र जिसे ग्रीन बेल्ट कहा जाता है शहर के उत्तर से दक्षिण तक फैले हुए हैं यह बहुत आकर्षक और खूबसूरत है शहर को हरा भरा रखने की योजना यहीं पर बनाई गई थी Chandigarhके पहले आयुक्त वनस्पति विज्ञानी थे उन्होंने ला कार्बूजिए के विचारों को लागू किया सब ट्रॉपिकल सूखी जलवायु को देखते हुए काम आसान नहीं था इसके लिए रचनात्मक सोच की जरूरत थी ऑन दोज़ रोड्स विचार
तेज रफ्तार वाली उन सड़कों पर उन्हों ने पतझड़ी पेड़ लगाएं टॉस सोडी सर्दियों में ये पत्ते गिर जाते हैं और ज्यादा रौशनी मिल जाती है ऐंड घरों के पास छोटे पेड़ लगाए गएशोर्ट रेस बाजार की सड़कों के पास छोटे फूलदार पेड़ सदाबहार पेड़ फ्लो इन्क्रीज़ ताकि गर्मियों के समय रिक्शा या साइकिल चालक की छाँव में कुछ देर सुस्ता सके
हाल के वर्षों में Chandigarh काफी बदल चुका है मूल रूप से 5,00,000 लोगों के लिए बनाए गए शहर में अब दोगुनी तादाद में लोग रहते हैंहर 1000 लोगों पर 878 कारें हैंवाहन सभ्यता के लिहाज से ये शहर भारत में पहले नंबर पर हैआज मकान सड़कें और शॉपिंग सेंटर प्रकृति को बाहर खदेड़ रहे हैंएक ओवर पास बनाने के लिये इन प्राचीन पेड़ों के अलावा 700 और पेड़ काटे जाने हैं इसके खिलाफ़ पर्यावरण कार्यकर्ता 4 साल से अदालती लड़ाई लड़ रही है
अब इस पेड़ को देखिये इसकी गोलाई देखिये यह देखकर बड़ी तकलीफ होती है आंसू आ जाते हैं कि सड़क किनारे ऐसे बहुत से पेड़ फ्लाईओवर बनाने के लिए काट दिए जाएंगे इसका कोई तुक नहींअधिकारियों का दावा है कि वह शहर की हरित विरासत को बनाए रखेंगे हर काटे गए पेड़ के बदले दूसरा पेड़ लगेगावे
पिछले 2 साल से Chandigarh को स्मार्ट सिटी अवार्ड्स में बेस्ट यूनियन टेरिटरी का पुरस्कार मिलता आ रहा है उसका एक मापदंड है स्मार्ट आवाजाही शहर इसमें और विस्तार कर रहा है
विधानसभा भवन और हाईकोर्ट बिल्डिंग कैपिटल कॉम्प्लेक्स का हिस्सा है 2016 में इस कॉम्प्लेक्स को यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में शामिल किया गया थालेकिन बढ़ती आबादी के बीच रहने की जगह तेजी से कम होती जा रही हैइस वजह से निवेशक ला कार्बूजिए के सपने से समझौता कर शहरी जल स्रोतों के बहुत करीब निर्माण करने लगे हैंमन मोहन लाल सरीन ऐसे निवेशकों के खिलाफ़ कार्रवाई करने वाले वकीलों में शामिल थे उन्हें सफलता मिली इस झील के पास बनाई इमारतें गिरा दी गई
पर्यावरण प्रदूषण: औद्योगीकरण और तेजी से शहरीकरण के परिणामस्वरूप चंडीगढ़ गंभीर वायु और जल प्रदूषण का सामना कर रहा है, जिसका सार्वजनिक स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव पड़ सकता है। चंहैंडीगढ़ के लिए हमें गहराई से सोचना होगा इसकी समस्याओं को महत्वपूर्ण था देनी पड़ेगीऔर सरकार को अभी इस पे ध्यान देना पड़ेगातभी हम चंडीगढ़ की समस्याओं को एक साथ मिलकर सॉल्व कर सकते