World is Accepting the Power of India’s Economy- भारत की अर्थव्यवस्था की ताकत को दुनिया मान रही है
भारत के सुप्रीम कोर्ट ने यह कहा है कि दुनिया एक्सेप्ट कर रही है इंडिया की इकोनॉमिक पावर दुनिया देख रही है कि इंडिया किस तरीके से इकोनॉमिकली एक रोब तरीके से आगे बढ़ रहा है यहां पर आप देख पाओगे सुप्रीम कोर्ट प्रेसेस फॉर इंडियन इकॉनमी नाउ यह बहुत कम देखने को मिलता है जब सुप्रीम कोर्ट कहे कि पूरी दुनिया भारत को पहचान रही है हमें तो गर्वकरना चाहिए म अगर साथ ही साथ सुप्रीमकोर्ट नेने यह कहने के बाद फटकार भी लगाई है सेंटल और स्टेट गवर्नमेंट को नाउ सुप्रीम कोर्ट ने रिसेंटली यह क्यों कहा है इशू यहां पर क्या है बहुत ही एक इंपॉर्टेंट टॉपिक है इंडिया के प्रेजेंट के लिए और फ्यूचर के लिए डिस्कस करते हैं इसको इन डेप्थ नाउ इंडियन इकॉनमी के बारे में अगर हम बात करें तो बिल्कुल बहुत ही ज्यादा तेज रफ्तार से हमारी ग्रोथ बढ़ रही है रिसेंटली आरबीआई के गवर्नर शशिकांत दास साहब ने यह बात कंफर्म करी अपनी साइड से कि इनके हिसाब से जो डाटा सामने आ रहा है इंडिया बिल्कुल 8 पर या 8 पर के आसपास अपनी जो टोटल ग्रोथ है इस पूरे फाइनेंशियल ईयर की अभी जो फाइनेंशियल ईयर चल रहा है जो 31 मार्च को खत्म हो जाएगा इस फाइनेंशियल ईयर में इंडिया हो सकता है कि 8 पर के आसपास ग्रोथ दे दे जो बहुत ही फेनोमेनल होगा क्योंकि कई बड़े देश हैं ह्यूज इकॉनमी ज हैं जो या तो संघर्ष कर रही है या फिर मंदी में जा चुकी है फॉर एग्जांपल रिसेंटली हमने देखा कि यूके और जापान दोनों मंदी में जा चुके हैं तो ऐसे टाइम में जब इंडिया इतनी हाई ग्रोथ रेट रजिस्टर कर रहा है तो पूरी दुनिया प्रशंसा करेगी मगर यहां पे आपका क्वेश्चन आएगा कि सुप्रीम कोर्ट में इंडिया की इकॉनमी डिस्कस हो भी क्यों रही थी वेल इसका रीजन है
केरला सरकार का एक बहुत ही इंपॉर्टेंट केस नाउ यह केस किस बारे में है यह समझते हैं यहां पे आप देख पाएंगे मैप ये है हमारा प्यारा भारत नाउ इंडिया का देखो डेड टू जीडीपी रेशियो क्या है इसके बारे में आपने काफी सुना होगा कि भारत की टोटल इकॉनमी क्या है और कितना कर्ज हमने ओढ रखा है नाउ एक तो होता है डेट केंद्र सरकार का एक होता है डेट हमारी स्टेट्स का जी हां जो हमारी वेरियस स्टेट्स हैं गुजरात
राजस्थान पंजाब कर्नाटका यह सारी स्टेट्स
केंद्र सरकार से उधार लेती हैं और स्टेट्स
का भी एक अपना खुद का डेड टू जीडीपी
रेशियो होता है सबसे ज्यादा डेड टू जीडीपी
रेशियो है अरुणाचल प्रदेश का 53 पर और यह
मैं आपको बता दूं जितना डेड टू जीडीपी
रेशियो ज्यादा है उतना मैं कहूंगा
चिंताजनक है उस स्टेट के लिए तो अरुणाचल
प्रदेश का 53 पर है आप देखोगे केरला का 36
पर के आसपास है केरला का ना बहुत ज्यादा
है ना बहुत ज्यादा कम है बट आप कह सकते
हैं मीडियम लेवल पर एजिस्ट करता है तो अब
यहां पे आप ये समझ गए कि जो स्टेट्स है
हमारी ये भी उधार लेती है केंद्र सरकार से
नाउ पिछले साल क्या हुआ था कि सरकार ने एक
लिमिट लगा दी थी कि एक स्टेट कितना पैसा
बोरो कर सकती है क्योंकि सरकार ने भी कहा
कि स्टेट्स का जो उधार है इंडिविजुअल लेवल
पर ये लगातार बढ़ता जा रहा है तो कहीं ना
कहीं रोक लगाने की आवश्यकता है नाउ सरकार
का जो ये निर्णय था ये केरला की सरकार को
बिल्कुल पसंद नहीं आया इन्होंने कहा कि
देखिए हमारा जो बजट है स्टेट का बजट केरला
का बजट यह बिल्कुल खराब हो जाएगा अगर
जितना पैसा हमको मिलना है उस पर एक लिमिट
लग गई तो इसी इशू को लेकर केरला की सरकार
गई सुप्रीम कोर्ट में और फिर सुप्रीम
कोर्ट में आज के समय सुनवाई हो रही है कि
सेंट्रल गवर्नमेंट को क्या करना चाहिए
क्योंकि अगर आप सोच रहे हैं कि केंद्र
सरकार को क्या मतलब के जो स्टेट
गवर्नमेंट्स है कितना पैसा उधार ले रही है
इससे क्या होगा देखो इन दी एंड हम लोग एक
सर्टेन लिमिट तक ही रुपीज छाप सकते हैं
ऐसा नहीं है कि डॉलर्स की तरह बस आप छापते
गए और आपकी करेंसी की वैल्यू गिरेगी नहीं
हमारे पास लिमिटेशंस हैं और सेंट्रल
गवर्नमेंट ने यह कहा है कि जब स्टेट
गवर्नमेंट्स भी अपना उधार लगातार बढ़ाती
रहेंगी अपनी जो जीडीपी है उसके हिसाब से
डेड बहुत ज्यादा ड़ लेंगी तो उससे कंट्री
की जो ओवरऑल रेटिंग है इस पर फर्क पड़ेगा
यह बहुत ही एक इंपॉर्टेंट कांसेप्ट है
रेटिंग्स का आपने नाम सुना होगा स्टैंडर्ड
एंड
पुर्सले इि कि एक कंट्री को अगर कोई उधार
देता है मतलब कोई बड़ा इन्वेस्टर कल को
कोई और कंट्री उधार देती है तो वो उधार
कितना स्टेबल है कितना सेफ है उसी के
हिसाब से रेटिंग मिलती है ट्रिपल ए ट्रिपल
ए प्लस ट्रिपल बी ट्रिपल सी तो इंडिया की
जो रेटिंग है ना आज के समय यह अफेक्ट हो
सकती है अगर हमारी जो स्टेट्स है यह भी
लगातार उधार उठाती गई क्योंकि इससे कल को
जो उधार दे रहा है इंडिया को इन्वेस्टर वो
सोचेगा क्या यार इंडिया की जो स्टेट्स है
यह तो केंद्र सरकार की भी नहीं सुनती यह
लगातार उधार उठा रही है तो कल को एक स्टेट
यहां पर इतना उधार ना उठा ले कि केंद्र
सरकार भी उस डेट को संभाल ना पाए तो यह था
कें सरकार का तर्क मगर इन दी एंड हुआ क्या
है वैसे मैं आपको यह बता रहा हूं केरला
सरकार को एक बहुत ही बड़ा रिलीफ मिला है
सुप्रीम कोर्ट ने अलाव कर दिया कि केरला
की सरकार उधार ले सकती है
3608 करोड़ का इस फिस्कल ईयर में इससे
केरला काफी खुश है इनको बहुत सारा पैसा
मिल जाएगा जिससे जो इनका बजट है जो भी
इनकी स्कीम्स हैं ये आगे बढ़ा पाएंगे नाउ
इसी दौरान ना सुप्रीम कोर्ट ने एक बहुत ही
इंपॉर्टेंट बात यह भी ऐड करी कि इंडिया की
इकॉनमी बहुत ही रोब तरीके से आगे बढ़ रही
है यहां पर पे आप देख पाएंगे सुप्रीम
कोर्ट प्रेस फॉर इंडियन इकॉनमी सेस एनटायर
वर्ल्ड रिकॉग्नाइजिंग कंट्री एज रोबट यह
बात सुप्रीम कोर्ट के जज ने यहां पर कही
कि जब सुप्रीम कोर्ट के जज भी इंडिया के
बाहर जाते हैं और कंट्रीज को विजिट करते
हैं तो इनको भी यह फीलिंग आती है और यह
फीलिंग ऐसा नहीं है कि बस परसेप्शन की है
कि बस आप एज्यूम कर रहे हैं कि हम इतना
ग्रो कर रहे हैं यह फीलिंग बेस्ड है
फैक्ट्स पे नंबर्स पे कि जेनुइनली इंडिया
की इकॉनमी बहुत ही तेजी से आगे बढ़ रही है
और फिर सुप्रीम कोर्ट ने यह कहा कि इसलिए
बहुत ही इंपॉर्टेंट है कि टर और स्टेट
मिलकर जो यह इशू है बोइंग का इसको
प्रॉपर्ली रिजॉल्व करें क्योंकि देखो यह
बहुत ही इंपॉर्टेंट है कि पूरा देश एक
बॉडी की तरह फंक्शन करें पूरी बॉडी में
ऐसा नहीं होता कि टांग में दर्द हो रही है
तो दिमाग कहे कि मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता
इससे टांग से मेरा कोई रिलेशन नहीं है
टांग में दर्द होती है पूरी बॉडी फील करती
है तो इसी स्पिरिट के साथ हमें इस
प्रॉब्लम को डील करना होगा अगर केरला की
सरकार कह रही है कि हमें प्रॉब्लम्स आ रही
है आज के समय और हमें और पैसा चाहिए तो
इसमें सरकार को कोऑपरेट करना चाहिए स्टेट
गवर्नमेंट के साथ तो यहां पर देखिए
सुप्रीम कोर्ट ने क्लियर एक बात सरकार को
कह दी है कि इस मामले में सरकार को थोड़ा
सा एक अ आप कह लीजिए मोर रिलैक्स्ड अप्रोच
के साथ आगे बढ़ना होगा क्योंकि स्टेट
गवर्नमेंट्स एक बात खुल के कह सकती है कि
जो टोटल कर्ज है ना उसमें से 60 पर जो
कर्ज है वह तो केंद्र सरकार का है जो
स्टेट्स का कर्ज है यह मुश्किल से 40 पर
के आसपास है मगर इस आर्गुमेंट में एक बहुत
ही बड़ी प्रॉब्लम यह है कि कल को मान
लीजिए स्टेट गवर्नमेंट जो है यह ऐसी कोई
स्म लागू कर देती है कि अपने लोगों को हम
फ्री में पैसा देंगे या फिर अपने लोगों को
हम फ्री में एजुकेशन देंगे फ्री जो
सर्विसेस देने का कल्चर है अगर यह ऐसा ही
बढ़ता रहता है और साथ ही साथ स्टेट
गवर्नमेंट इस खर्चे को पूरा करने के लिए
सेंट्रल गवर्नमेंट से उधार मांगेगी तो मैं
आपको यह बता दूं भारत का जो डेड टू जीडीपी
रेशो है यह डेंजरस लेवल्स तक पहुंच सकता
है और इसके बारे में भी हमको कहीं ना कहीं
सोचना होगा तो जो यह पूरा इशू है ना यह
बहुत ज्यादा इंपॉर्टेंट है इंडिया के
प्रेजेंट के लिए और फ्यूचर के लिए भी और
इस इसका सलूशन आप क्या निकालो इसको लेकर
ऑफकोर्स मेरे ख्याल से हमारे पूरे देश में
काफी सोच विचार होना चाहिए क्योंकि हम ऑब्
वियस यह नहीं चाहेंगे कि फ्यूचर में हमारी
जनरेशन एक बहुत बड़े डेट में फंस जाए तो
यहां पे आप लोग समझ गए होंगे कि सुप्रीम
कोर्ट के जो वर्ड्स है सुनने में तो बहुत
अच्छा लगता है कि वाह सुप्रीम कोर्ट भी अब
यह बात कह रहा है कि अ दुनिया मान रही है
इंडिया की इकॉनमी को बट इशू जो यहां पर
डिस्कस हो रहा था ना यह एक ऐसा इशू है जो
कल को इंडिया के लिए बहुत बड़े चैलेंजेबल हो सकता है