Monday, December 23, 2024
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भारत की अर्थव्यवस्था की ताकत को दुनिया मान रही है World is Accepting the Power of India’s Economy

World is Accepting the Power of India’s Economy- भारत की अर्थव्यवस्था की ताकत को दुनिया मान रही है

 

भारत के सुप्रीम कोर्ट ने यह कहा है कि दुनिया एक्सेप्ट कर रही है इंडिया की इकोनॉमिक पावर दुनिया देख रही है कि इंडिया किस तरीके से इकोनॉमिकली एक रोब तरीके से आगे बढ़ रहा है यहां पर आप देख पाओगे सुप्रीम कोर्ट प्रेसेस फॉर इंडियन इकॉनमी नाउ यह बहुत कम देखने को मिलता है जब सुप्रीम कोर्ट कहे कि पूरी दुनिया भारत को पहचान रही है हमें तो गर्वकरना चाहिए म अगर साथ ही साथ सुप्रीमकोर्ट नेने यह कहने के बाद फटकार भी लगाई है सेंटल और स्टेट गवर्नमेंट को नाउ सुप्रीम कोर्ट ने रिसेंटली यह क्यों कहा है इशू यहां पर क्या है बहुत ही एक इंपॉर्टेंट टॉपिक है इंडिया के प्रेजेंट के लिए और फ्यूचर के लिए डिस्कस करते हैं इसको इन डेप्थ नाउ इंडियन इकॉनमी के बारे में अगर हम बात करें तो बिल्कुल बहुत ही ज्यादा तेज रफ्तार से हमारी ग्रोथ बढ़ रही है रिसेंटली आरबीआई के गवर्नर शशिकांत दास साहब ने यह बात कंफर्म करी अपनी साइड से कि इनके हिसाब से जो डाटा सामने आ रहा है इंडिया बिल्कुल 8 पर या 8 पर के आसपास अपनी जो टोटल ग्रोथ है इस पूरे फाइनेंशियल ईयर की अभी जो फाइनेंशियल ईयर चल रहा है जो 31 मार्च को खत्म हो जाएगा इस फाइनेंशियल ईयर में इंडिया हो सकता है कि 8 पर के आसपास ग्रोथ दे दे जो बहुत ही फेनोमेनल होगा क्योंकि कई बड़े देश हैं ह्यूज इकॉनमी ज हैं जो या तो संघर्ष कर रही है या फिर मंदी में जा चुकी है फॉर एग्जांपल रिसेंटली हमने देखा कि यूके और जापान दोनों मंदी में जा चुके हैं तो ऐसे टाइम में जब इंडिया इतनी हाई ग्रोथ रेट रजिस्टर कर रहा है तो पूरी दुनिया प्रशंसा करेगी मगर यहां पे आपका क्वेश्चन आएगा कि सुप्रीम कोर्ट में इंडिया की इकॉनमी डिस्कस हो भी क्यों रही थी वेल इसका रीजन है 

केरला सरकार का एक बहुत ही इंपॉर्टेंट केस नाउ यह केस किस बारे में है यह समझते हैं यहां पे आप देख पाएंगे मैप ये है हमारा प्यारा भारत नाउ इंडिया का देखो डेड टू जीडीपी रेशियो क्या है इसके बारे में आपने काफी सुना होगा कि भारत की टोटल इकॉनमी क्या है और कितना कर्ज हमने ओढ रखा है नाउ एक तो होता है डेट केंद्र सरकार का एक होता है डेट हमारी स्टेट्स का जी हां जो हमारी वेरियस स्टेट्स हैं गुजरात

राजस्थान पंजाब कर्नाटका यह सारी स्टेट्स

India Map 2018
India Map 2018

केंद्र सरकार से उधार लेती हैं और स्टेट्स           

का भी एक अपना खुद का डेड टू जीडीपी

रेशियो होता है सबसे ज्यादा डेड टू जीडीपी

रेशियो है अरुणाचल प्रदेश का 53 पर और यह

मैं आपको बता दूं जितना डेड टू जीडीपी

रेशियो ज्यादा है उतना मैं कहूंगा

चिंताजनक है उस स्टेट के लिए तो अरुणाचल

प्रदेश का 53 पर है आप देखोगे केरला का 36

पर के आसपास है केरला का ना बहुत ज्यादा

है ना बहुत ज्यादा कम है बट आप कह सकते

हैं मीडियम लेवल पर एजिस्ट करता है तो अब

यहां पे आप ये समझ गए कि जो स्टेट्स है

हमारी ये भी उधार लेती है केंद्र सरकार से

नाउ पिछले साल क्या हुआ था कि सरकार ने एक

लिमिट लगा दी थी कि एक स्टेट कितना पैसा

बोरो कर सकती है क्योंकि सरकार ने भी कहा

कि स्टेट्स का जो उधार है इंडिविजुअल लेवल

पर ये लगातार बढ़ता जा रहा है तो कहीं ना

कहीं रोक लगाने की आवश्यकता है नाउ सरकार

का जो ये निर्णय था ये केरला की सरकार को

बिल्कुल पसंद नहीं आया इन्होंने कहा कि

देखिए हमारा जो बजट है स्टेट का बजट केरला

का बजट यह बिल्कुल खराब हो जाएगा अगर

जितना पैसा हमको मिलना है उस पर एक लिमिट

लग गई तो इसी इशू को लेकर केरला की सरकार

गई सुप्रीम कोर्ट में और फिर सुप्रीम

कोर्ट में आज के समय सुनवाई हो रही है कि

सेंट्रल गवर्नमेंट को क्या करना चाहिए

क्योंकि अगर आप सोच रहे हैं कि केंद्र

सरकार को क्या मतलब के जो स्टेट

गवर्नमेंट्स है कितना पैसा उधार ले रही है

इससे क्या होगा देखो इन दी एंड हम लोग एक

सर्टेन लिमिट तक ही रुपीज छाप सकते हैं

ऐसा नहीं है कि डॉलर्स की तरह बस आप छापते

गए और आपकी करेंसी की वैल्यू गिरेगी नहीं

हमारे पास लिमिटेशंस हैं और सेंट्रल

गवर्नमेंट ने यह कहा है कि जब स्टेट

गवर्नमेंट्स भी अपना उधार लगातार बढ़ाती

रहेंगी अपनी जो जीडीपी है उसके हिसाब से

डेड बहुत ज्यादा ड़ लेंगी तो उससे कंट्री

की जो ओवरऑल रेटिंग है इस पर फर्क पड़ेगा

यह बहुत ही एक इंपॉर्टेंट कांसेप्ट है

रेटिंग्स का आपने नाम सुना होगा स्टैंडर्ड

एंड

पुर्सले इि कि एक कंट्री को अगर कोई उधार

देता है मतलब कोई बड़ा इन्वेस्टर कल को

कोई और कंट्री उधार देती है तो वो उधार

कितना स्टेबल है कितना सेफ है उसी के

हिसाब से रेटिंग मिलती है ट्रिपल ए ट्रिपल

ए प्लस ट्रिपल बी ट्रिपल सी तो इंडिया की

जो रेटिंग है ना आज के समय यह अफेक्ट हो

सकती है अगर हमारी जो स्टेट्स है यह भी

लगातार उधार उठाती गई क्योंकि इससे कल को

जो उधार दे रहा है इंडिया को इन्वेस्टर वो

सोचेगा क्या यार इंडिया की जो स्टेट्स है

यह तो केंद्र सरकार की भी नहीं सुनती यह

लगातार उधार उठा रही है तो कल को एक स्टेट

यहां पर इतना उधार ना उठा ले कि केंद्र

सरकार भी उस डेट को संभाल ना पाए तो यह था

कें सरकार का तर्क मगर इन दी एंड हुआ क्या

है वैसे मैं आपको यह बता रहा हूं केरला

सरकार को एक बहुत ही बड़ा रिलीफ मिला है

सुप्रीम कोर्ट ने अलाव कर दिया कि केरला

की सरकार उधार ले सकती है

3608 करोड़ का इस फिस्कल ईयर में इससे

केरला काफी खुश है इनको बहुत सारा पैसा

मिल जाएगा जिससे जो इनका बजट है जो भी

इनकी स्कीम्स हैं ये आगे बढ़ा पाएंगे नाउ

इसी दौरान ना सुप्रीम कोर्ट ने एक बहुत ही

इंपॉर्टेंट बात यह भी ऐड करी कि इंडिया की

इकॉनमी बहुत ही रोब तरीके से आगे बढ़ रही

है यहां पर पे आप देख पाएंगे सुप्रीम

कोर्ट प्रेस फॉर इंडियन इकॉनमी सेस एनटायर

वर्ल्ड रिकॉग्नाइजिंग कंट्री एज रोबट यह

बात सुप्रीम कोर्ट के जज ने यहां पर कही

कि जब सुप्रीम कोर्ट के जज भी इंडिया के

बाहर जाते हैं और कंट्रीज को विजिट करते

हैं तो इनको भी यह फीलिंग आती है और यह

फीलिंग ऐसा नहीं है कि बस परसेप्शन की है

कि बस आप एज्यूम कर रहे हैं कि हम इतना

ग्रो कर रहे हैं यह फीलिंग बेस्ड है

फैक्ट्स पे नंबर्स पे कि जेनुइनली इंडिया

की इकॉनमी बहुत ही तेजी से आगे बढ़ रही है

और फिर सुप्रीम कोर्ट ने यह कहा कि इसलिए

बहुत ही इंपॉर्टेंट है कि टर और स्टेट

मिलकर जो यह इशू है बोइंग का इसको

प्रॉपर्ली रिजॉल्व करें क्योंकि देखो यह

बहुत ही इंपॉर्टेंट है कि पूरा देश एक

बॉडी की तरह फंक्शन करें पूरी बॉडी में

ऐसा नहीं होता कि टांग में दर्द हो रही है

तो दिमाग कहे कि मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता

इससे टांग से मेरा कोई रिलेशन नहीं है

टांग में दर्द होती है पूरी बॉडी फील करती

है तो इसी स्पिरिट के साथ हमें इस

प्रॉब्लम को डील करना होगा अगर केरला की

सरकार कह रही है कि हमें प्रॉब्लम्स आ रही

है आज के समय और हमें और पैसा चाहिए तो

इसमें सरकार को कोऑपरेट करना चाहिए स्टेट

गवर्नमेंट के साथ तो यहां पर देखिए

सुप्रीम कोर्ट ने क्लियर एक बात सरकार को

कह दी है कि इस मामले में सरकार को थोड़ा

सा एक अ आप कह लीजिए मोर रिलैक्स्ड अप्रोच

के साथ आगे बढ़ना होगा क्योंकि स्टेट

गवर्नमेंट्स एक बात खुल के कह सकती है कि

जो टोटल कर्ज है ना उसमें से 60 पर जो

कर्ज है वह तो केंद्र सरकार का है जो

स्टेट्स का कर्ज है यह मुश्किल से 40 पर

के आसपास है मगर इस आर्गुमेंट में एक बहुत

ही बड़ी प्रॉब्लम यह है कि कल को मान

लीजिए स्टेट गवर्नमेंट जो है यह ऐसी कोई

स्म लागू कर देती है कि अपने लोगों को हम

फ्री में पैसा देंगे या फिर अपने लोगों को

हम फ्री में एजुकेशन देंगे फ्री जो

सर्विसेस देने का कल्चर है अगर यह ऐसा ही

बढ़ता रहता है और साथ ही साथ स्टेट

गवर्नमेंट इस खर्चे को पूरा करने के लिए

सेंट्रल गवर्नमेंट से उधार मांगेगी तो मैं

आपको यह बता दूं भारत का जो डेड टू जीडीपी

रेशो है यह डेंजरस लेवल्स तक पहुंच सकता

है और इसके बारे में भी हमको कहीं ना कहीं

सोचना होगा तो जो यह पूरा इशू है ना यह

बहुत ज्यादा इंपॉर्टेंट है इंडिया के

प्रेजेंट के लिए और फ्यूचर के लिए भी और

इस इसका सलूशन आप क्या निकालो इसको लेकर

ऑफकोर्स मेरे ख्याल से हमारे पूरे देश में

काफी सोच विचार होना चाहिए क्योंकि हम ऑब्

वियस यह नहीं चाहेंगे कि फ्यूचर में हमारी

जनरेशन एक बहुत बड़े डेट में फंस जाए तो

यहां पे आप लोग समझ गए होंगे कि सुप्रीम

कोर्ट के जो वर्ड्स है सुनने में तो बहुत

अच्छा लगता है कि वाह सुप्रीम कोर्ट भी अब

यह बात कह रहा है कि अ दुनिया मान रही है

इंडिया की इकॉनमी को बट इशू जो यहां पर

डिस्कस हो रहा था ना यह एक ऐसा इशू है जो

कल को इंडिया के लिए बहुत बड़े चैलेंजेबल हो सकता है 

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